- मैलोरंग आयोजित करत ‘मिथिला रंग महोत्सव’
- ‘मिथिला रंग महोत्सव’ मे होयत पाँचटा नाटक
- एक स तीन मई धरि चलत मैलोरंग, दिल्लीक ‘मिथिला रंग महोत्सव’
- संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित होयत ‘मिथिला रंग महोत्सव’
दिल्ली/मधुबनी - देशक राजधानी दिल्ली मे मैथिली रंगकर्म एवं सांस्कृतिक क्षेत्र मे काज करै वाला संस्था ‘मैथिली लोक रंग’ यानी मैलोरंग मधुबनी मे तीन दिवसीय ‘मिथिला रंग महोत्सव’ आयोजन करवाक घोषणा कयलक अछि। स्थानीय गिरिधारी नगर भवन, मधुबनी मे नियमित (6.30 बजे साँझ ) एक सँ तीन मई धरि आयोजित रंग महोत्सव मे प्रख्यात निर्देशक लोकनिक पाँचटा नाटक मंचित कायल जायत ।
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ओम प्रकाश भारती |
पहिल दिन एक मई के प्रख्यात नाटककार रामेश्वर प्रेम लिखित नाटक ‘जल डमरू बाजे’ के मैथिली रूपांतरण मंचित कायल जायत । एकर निर्देशन सुप्रसिद्ध रंगकर्मी प्रकाश झा केलनि अछि । दू मई के महेंद्र मलंगिया लिखित ‘देह पर कोठी खसा दिय’ और राजकमल चौधरी लिखित ‘मैथिली नारि : चारि रंग’ के मंचन कायल जायत । एकर निर्देशन क्रमश: मुकेश झा तथा देवेंद्र राज अंकुर केलनि अछि। महोत्सव के अंतिम दिन तीन मई के ‘फाँस’ निर्देशन श्याम साहनी तथा रोमियो जूलियट पर आधारित मैथिली नाटक ‘चान चकोर’ नाटक के मंचन कायल जायत । एकर निर्देशन प्रकाश झा केलनि अछि । महोत्सव मे देशक जानल-मानल रंग व्यक्तित्व लोकनि के आमंत्रित कायल जेल अछि ।
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प्रकाश झा |
महोत्सवक सम्बन्ध मे जानकारी दैत मुकेश झा कहलनि ई महोत्सव पहिल बेर आयोजित कायल जा रहल अछि। आ ई सब साल कायल जायत । आन बेर सँ एहि महोत्सव मे देश के विभिन्न नाट्य दल के बजाओल जायत आ आयोजन स्थल सेहो बदलल रहत । एहि पहिल रंग महोत्सव मे सब नाटक मैथिली भाषा मे मंचित होयत। मुदा आगू सँ महोत्सव मे विभिन्न भाषाक देश-विदेशक नाटक के सेहो आमंत्रित कायल जायत।
मैलोरंग के अध्यक्ष महेन्द्र मलंगिया जी कहलनि जे ई एकटा कठिन आयोजन अछि, संगहि मैलोरंग के रंगकर्मी के लेल ई एकटा परीक्षा जेहन अछि जे दिल्ली स आबि के एकटा नव स्थान पर लगातार पाँचटा नाटकक मंचन करत । आई हमरा प्रशन्ता अछि जे हमर रेपर्टरी एकरा करै मे समर्थ भ सकल। हम जे बीज रोपने रही, से दिल्ली जा के गाछ बनि चुकल अछि ।