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सोमवार, 17 अगस्त 2015

मिथिला नव-चेतना समिति मनओलक अपन स्थापना दिवस।

मिथिला नव-चेतना समिति मनओलक अपन स्थापना दिवस। 

  • रंजीत के व्यंगात्मक सञ्चालन स खुशनुमा रहल माहोल
  • साहित्यिक साँझ में कविताक दीप जरैत रहल 
  • विनय भूषण जी सोशल मीडिया पर साहित्यक पोस्ट पर दुःख व्यक्त केलाह 

हुगली : उपनगरिय क्षेत्र रिषरा में पनरह अगस्त कें अपन सातम स्थापना दिवस पर “चेतना समारोह” केर आयोजन भेल । मिथिला नव-चेतना समिति प्रत्येक वरख अहि दिन अपन स्थापना दिवसक सुअवसर पर ई आयोजन करैत अछि। कार्यक्रम दु सत्र में बाँटल गेल छल।

प्रथम सत्र वरिष्ठ रंगकर्मी आ मॅथिली नाट्य निर्देशक श्री भवनाथ झा जी की संचालन में शुरु भेल। कार्यक्रमक शुभारंभ श्री इश्वर चंद्र झा जी के मधुर कंठ सँ गाओल भगवति वंदना “जय-जय भैरवी.” सँ भेल। वरिष्ठ साहित्यकार श्री राम लोचन ठाकुर जीक द्वारा दिप-प्रज्जवलित आ कवि-कोकिल विद्यापति  प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पणक संग कार्यक्रमक शुभ उद्घाटन भेल। प्रधान वक्ताक रुप में आमंत्रित छलाह कलम-योगी  श्री नविन चौधरी आ प्रधान अतिथि छलाह गजल श्रेष्ठ श्री राजीव रंजन मिश्र आ अध्यक्ष रहथि समितिक वरिष्ठ सदस्य श्री भवनाथ झा। उपस्थित पाहुन लोकनिक स्वागत, पूष्प गुच्छ आ स्वागत गान सँ कएल गेल। श्री इश्वर चंद्र झा जी द्वारा  दू-टा गीत प्रस्तुत कएल गेल जे बेस कर्णप्रिय आ सोहनगर रहल। अहि अवसर पर समिति अनवरत रुपे अपन पाँचम वार्षिक स्मारिका “नव-चेतना” क विमोचन श्री नवीन चौधरी जी द्वारा भेल। समितिक नव-कार्यकारिणि (२०१५-१६) केर उद्घोषना भेल जाहि में अध्यक्ष कालीकान्त मिश्र, उपाध्यक्ष भवनाथ झा, जयकुमार झा, नीरज झा, अरविन्द झा, सचिव शिवचंद्र झा एवं कोषाध्यक्ष रंजीत कुमार झा इत्यादि  आ समितिक अध्यक्ष श्री अरुण कुमार सिंह जीके समितिक प्रति हुनक समर्पण आ कार्यक लेल सचिव श्री बद्रीनाथ झा जी द्वारा पाग-दोपटा पहिरा विशेष सम्मान कएल गेल। समितिक वर्तमान अध्यक्ष श्री अरुण कुमार सिंह आ सचिव श्री बद्रीनाथ झा अपन अनुभव आ उपलब्धि कहलनि हुनका द्वारा जानकारी देल गेल जे विगत २६ फरवरी २०१५क समिति मिथिला भवन हेतु जमिन किनि लेलक आ आब सम्भवतः वर्ष २०१६ धरि ओहि पर निर्माण कार्य आरंभ भऽ जाएत। संगहि समितिक भावि अध्यक्ष श्री कालीकान्त मिश्र आ सचिव श्री शिवचन्द्र झा अपन परिकल्पना आ उद्गार व्यक्त केलनि। प्रधान अतिथि श्री राजीव रंजन मिश्र गजल केर माध्यम सँ अपन बात रखलनि। श्री नविन चौधरी जी मिथिला में पुर्व में भेल गलतीक व्याख्या आ वर्तमान में तकर प्रायश्चित आ सुधार करब आ अपन सही मुल्यांकनक प्रस्तुति पर जोर देलनि । श्री रामलोचन ठाकुर अपन लोक-वेद, पर-परिवार आ घर में मैथिली बजबाक लेल प्रेरित केलनि संगहि चिट्ठी-पत्री आ अपन पता लिखबा में “मिथिला” लिखबाक लेल कहलनि।  श्री भवनाथ झा जी समितिक कार्य आ उपलब्धि केर खुब सराहना केलनि।

कार्यक्रमक दोसर सत्र छल कवि सम्मेलनक अहि सत्रक अध्यक्षता श्रेष्ठ कवि श्री लक्ष्मण झा “सागर”
आ मंच संचालन श्री रंजीत कुमार झा "पप्पू" द्वारा कएल गेल। उक्त कवि सम्मेलन में अपन कविता पाठ कएलनि सर्वश्री उमा कान्त झा “बक्सी”, अनुप सत्यनारायण झा, चंदन झा, रुपेश त्योंथ, राजीव  रंजन मिश्र, विनय भुषण ठाकुर, आमोद झा, विजय इस्सर, अजय कुमार झा तिरहुतिया, मिथिलेश झा, गंगा झा, नबोनाथ मिश्र, अरुण कुमार सिंह आ रंजीत कुमार झा "पप्पू"।

विनय भूषण जी सोशल साइट पर निराशा व्यक्त करैत कहलनि जे सोशल साइट पर कविता बा कोनो आलेख पोस्ट भेला स भाषा क प्रचार-प्रसार त होइत अछि, मुदा पोथी रूप मे एकर एकटा अलगे महत्व अछि, जे अगिला पीढ़ी लेल संजोगी के राखल जा सकत। 

रंजीत कुमार झा "पप्पू" व्यंगातमक सञ्चालन स उपस्थित श्रोता के खूब हँसबैत रहला, श्रोता सेहो खूब थोपरी दैत रहल। कोलकाता में लोक इंतज़ार में रहै छैथ जे हिनक व्यंगात्मक कार्यक्रम सुनी-देखि। ई सुन्नर रंगकर्मी सेहो छैथ, कएकटा नाटक में हिनक निक भूमिका रहल अछि। अध्यक्षक धन्यवाद ज्ञापन आ फेर राष्ट्रगान “जन-गण-मन प्रस्तुतिक उपरांत कार्यक्रमक समापनक घोषणा कएल गेल।

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