स्पिकमैके के संगीत कार्यक्रम मे सलिल भट्ट के सात्विक वीणा सँ मंत्रमुग्ध भेलाह श्रोता
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कार्यक्रम प्रस्तुत करैत सलिल भट्ट |
- शास्त्रीय संगीत के खूबी समझनाई आ’ आगू बढ़ेनाई जरूरी: डाॅ हेमलता
- पश्चिमी देशसभ मे सेहो छथि भारतीय शास्त्रीय संगीतक कद्रदान: सलिल भट्ट
- अरुण पाठक
झारखंड (बोकारो)। भारतीय शास्त्रीय संगीत के युवावर्ग मे प्रचारित-प्रसारित करबा मे सक्रिय संस्था स्पिकमैके के तत्वावधान मे बुधदिन (2 सितंबर 2015) दिल्ली पब्लिक स्कूल, बोकारो मे अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संगीतज्ञ सलिल मोहन भट्ट के सात्विक वीणा वादन कार्यक्रम भेल। सात्विक वीणा के रचयिता श्री भट्ट राग नट भैरव मे वादन प्रस्तुत कय सभकें मंत्रमुग्ध कऽ देलनि। अपन कार्यक्रमक दौरान ओ बच्चासभकें शास्त्रीय संगीत के बारे मे सेहो जानकारी देलनि। ओ आलाप के चर्चा कयलनि एवं विलम्बित आ’ द्रुत के जानकारी दैत सम्पूर्ण शास्त्रीयताक संग राग नट भैरव के वादन प्रस्तुत कयलनि। ओ वीणा के विभिन्न प्रकारक वर्णन करैत बतओलनि जे सात्विक वीणा सेहो ओहिमे सँ एक अछि जे 20 तार के अछि। हुनक गुरु आ’ पिता पं. विश्व मोहन भट्ट 30 तार के मोहनवीणा बजबैत छथि। सरस्वती वीणा जे माँ सरस्वती के हाथ मे अछि एवं जकरा भारत रत्न एपीजे अब्दुल कलाम सेहो बजबैत छलाह ओ 7 तार के होईत अछि। देश-विदेश मे अपन कार्यक्रमक जरिए चर्चित व प्रशंसित संगीतज्ञ सलिल भट्ट कहलनि जे भारतीय शास्त्रीय संगीत के कद्रदान पश्चिमी देशसभमे सेहो छथि। डीपीएस मे हुनकासंगे तबला पर संगति देलनि कौशिक कंवर। एहि अवसर पर स्पिकमैके झारखंड इकाई के सचिव सह डीपीएस, बोकारो के निदेशक व प्राचार्या डाॅ. हेमलता एस. मोहन श्री भट्ट आ’ हुनक सहयोगी कलाकार कंे सम्मानित कयलनि। अपन संबोधन मे डाॅ. हेमलता कहलनि जे भारतक पारंपरिक धरोहर शास्त्रीय संगीत सँ युवासभकें जोड़बा मे स्पिकमैके के प्रशंसनीय योगदान रहल अछि। एहि तरहक कार्यक्रमसभक माध्यम सँ युवासभकें देशक ख्याति प्राप्त कलाकारसभकें सुनबाक अवसर भेटैत छेक। ओ कहलनि जे श्री भट्ट देश मे नहि अपितु विदेश मे सेहो भारतीय शास्त्रीय संगीतक मान बढ़ओलनि अछि। डाॅ हेमलता बच्चासभ सँ आह्वान कयलनि जे ओ शास्त्रीय संगीतक खूबीसभकें समझथि आ’ एकरा आगू बढ़़ाबथि। कार्यक्रम मे डीपीएस के उपप्राचार्या परमजीत कौर, हेडमिस्ट्रेस पी शैलजा जयकुमार, डाॅ मनीषा तिवारी सहित अन्य शिक्षक व विद्यार्थी उपस्थित छलाह।