ऊँ महालक्षमये नम: ऊँ विष्णुप्रियाये नम:
आई धनतेरस
छी आ एहि स ठीक एक बरख पुर्व धनतेरस के दिन अहाँ सब केँ आशीर्वाद आ स्नेह स एकटा मैथिली वेबसाइट “नव-मिथिला” (www.navmithila.com)
के जन्म भेल छल । आई
नव-मिथिला के पहिल जन्म वार्षिक अछि । आशा अछि एहि शुभदिन मे अहाँ सब दिर्घायु हेबाक आशीर्वाद देबै । जहिना एक साल स सब गोटे एहि स जुड़ल छी । चाहे ओ सोशल साइट पर लाईक, कोमेंट आ शेयर हो, आशा अछि एहिना आगु सेहो जुड़ल रहब । नव-मिथिला के मुख्य उद्देश्य अछि मैथिली भाषा –साहित्य के प्रचार-प्रसार, मिथिला के धरोहर-कला के जीबंत राखब । प्रतिभा के खोजी अहाँ सब केँ बीच आनब । मिथिला के हाल-चाल अहाँ सब धरि पहुँचायब । विश्व भरि मे संस्थागत मैथिली कार्यक्रम के पुर्ण जनतब । मिथिला-मैथिली क्षेत्र मे योगदान देनहार के साक्षात्कार ईत्यादि ।
नव-मिथिला के किछु
अपन सिद्धांत अछि, आ ओ अपन सिद्धांत पर अडिग अछि । जेना
सोशल साइट पर प्रकाशित खबरि या आलेख के प्रकाशित नहि केनै । मैथिली संस्था –संगठन के कार्यक्रम के समिक्षा केलाक उपरांत खबरि प्रकाशित करब । भाषा संग भ रहल अन्यय के लेल आवाज उठेनै । संस्थागत आपसी विवाद के चलते जनवरी स नव-मिथिला संस्थागत खबरि के स्थान नहि द रहल छल । मुदा ओहि संस्था सब के कार्यकर्ता आ मैथिली स्नेही सब के विशेष आग्रह पर आई स एकर पुन: शुरुआत कयल जा रहल अछि । संगहि नव-मिथिला नव रुप-नव कलेवर मे अहाँ लोकनिक सोझा अछि । बहुत जल्द किछु नव तरहक काज सब शुरु करब । अहाँ सब अहिना स्नेह-आशीर्वाद बनेने रहब से आशा अछि। बिना कोनो बाहरी आर्थिक सहयोग के नव-मिथिला चलि रहल अछि, मुदा अहाँ सब के स्नेह के आगु टाका-पैसा के कोनों विशेष महत्व नहि । हम विशेष रुपें धन्यवाद देब चाहब अजय झा के जे एहि वेबसाइट के निरंतर नव कलेवर आ फ्युचर सब स अपडेट करैत रहै छथि । हम धन्यवाद दैत छियैन झारखंड स हमर सहयोगी श्रीमान अरुण पाठक जी केँ जे निरंतर अवैतनिक रुप स समाद सब पठबैत रहैत छथि । एवं विभिन्न रुपे नव-मिथिला परिवार स जुड़ल साहित्यकार, पत्रकार, संस्था के कार्यकर्ता एवं अनन्य ।
धन्यवाद !