- मिथिला धैर्यक भूमि अछि-अशोक झा
नव मिथिला डेस्क :
कोलकाता : मिथिला विकास परिषदक द्विदिवसीय “मिथिला महोत्सव” के द्वितिय दिन तारासुन्दरी पार्क मे आयोजित भेल। एहि मंच के प्रसिद्ध नाट्य लेखक स्वर्गिय गुणनाथ झा नाम देल गेल छल। कार्यक्रम के दु सत्र मे बाँटल गेल छल। पहिल सत्र मे कार्यक्रम के शुभारंभ तारासुन्दरी पार्क मे अवस्थित यात्री नागार्जुन के मुर्ती पर अतिथि लोकनि द्वारा माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित सँ भेल। उपस्थित अतिथि मे समाजसेवी श्रीमान कामदेव झा, श्री जीवेन्द्र मिश्र, राजेश सिन्हा, स्वर्णिम गुप्ता, स्थानिय पार्षद विजय ओझा, लक्ष्मण झा सागर एवं प्रभात खबर के स्थानीय संपादक तारकेश्वर मिश्रा छलाह। संस्था के 33 सालक उपलक्ष मे उपस्थित अतिथि 33 टा राखल मोमबत्ती के जड़ोलनि । कार्यक्रम के उद्घाटन तारकेश्वर मिश्र द्वारा दीप प्रज्वल्लित सँ भेल । अतिथि लोकनि विद्यापति के पुष्पांजलि अर्पित केलनि ।
भगवति वंदना जय-जय भैरव सुश्री अलका आ नेहा झा प्रस्तुत केलनि एवं स्वागत गान अंकिता आ अनु झा गौलनि जे परिषदक उभरैत कलाकार के उपस्थित श्रोता बेश पसिन कयलक । परिषद के तरफ स बाबा बासुकीनाथ के गीत अशोक झा भोली, पवन ठाकुर, अरुण झा एवं विनय प्रतिहस्त प्रसतुत केलनि ।
सम्मानित भेलाह
तारकेश्वर मिश्र के परिषद तरफ सँ विनय प्रतिहस्त, गोपिकांत झा मुन्ना आ पवन ठाकुर जी शाल आ तिरंगा फुलक माला पहिरा सम्मानित कयलनि । पोस्ता थाना के ओसी श्रीमान नुरुल के पवन ठाकुर आ विनय प्रतिहस्त शाल आ मिथिला पेंटींग सँ सम्मानित कयलनि । परिषद के सब सदस्य मिल अध्यक्ष अशोक झाजी के तिरंगा फुलक माला पहिरा सम्मानित कयलक, एवं स्थानीय पार्षद विजय ओझा के एहि मिथिला महोत्सवक मिडिया पार्टनर नव मिथिला के संस्थापक-संपादक प्रकाश झा तिरंगा फुलक माला पहिरा सम्मानित कयलक।
अभिभाषण सत्र मे युवा राजनितिज्ञ राजेश सिन्हा - मिथिला आ बंगला एकहि भाषा थिक, हमहुँ बिहार के वासिंदा छी, मिथिला मे ज्ञानक भंडार अछि । जँ आरक्षण ह़टा देल जौ त नीक पोस्ट पर सब मैथिले भेटता । हम सौभाग्यसाली छी जे यात्री नागार्जुन सँ हमरो भेंट-घाँट हमर चाचा करोने छलाह । मिथिला एकटा आंदोलन बनि चुकल अछि ।
समाजसेवी जीवेन्द्र मिश्र – परिषद के अध्यक्ष अशोक झाजी बहुत संघर्षशील लोक छथि, कोलकाता मे भेल नीक काज सब पर रचनात्मक काज होयब आवश्यक अछि। एहि ठाम बहुत रास मैथिल रहि रहला अछि, सबरबन इलाका मे एकटा मैथिली नाम पर अस्पताल के निर्माण हेबाक चाहि । ताहि मे हम कामदेव बाबु के सेहो कहबैन ।
प्रभात खबर के संपादक तारकेश्वर मिश्र – नीक काजक लेल अशोक झाजी संघर्षशील छथि । एकबेर अटल बिहारी जी कोलकाता आयल छलाह, ओ कहलनि जे जौं मिथिला के बाढि सँ बचा देल जाय त मिथिला के माटि एतेक उरवरक अछि जे ओ पुरा देश के खुआ सकैत अछि ।
साहित्यकार लक्षमण झा सागर-बाबु साहब चौधरी के संग अशोक झाजी के संबंध पर इजोत देलनि, आ परिषद के कार्य शैली पर इजोत देलनि, सागर जी कहलनि जे परिषद के एकटा राजनीति पार्टी बनेबाक चाहि, हमरा अशोक झाजी मे मिथिला के मुख्यमंत्री नजर आबैत अछि।
पार्षद विजय ओझा – मिथिला विकास परिषद बरक गाछ सन पसरि गेल अछि, तकर प्रमाण आई एहि ठाम देख रहल छी । एहि पार्क के सौंदर्यी करन बहुत जल्दी करब । एहि पार्क के लोक बाबा नागार्जुन के नाम सँ चिन्हौ ।
मिथिला विकास परिषद के अध्यक्ष अशोक झा – मिथिला धैर्यक भुमी अछि, आजुक कार्यक्रम के मकसद सब भाषा के समन्वय करब छल । महिपाल जी हमर आदर्श छलाह, जाहि कारणे हमर झुकाव मिथिला-मैथिली के तरफ बढल, हम काजक प्रति जिद्दी छी जकर परिणाम मधुबनी मे ललित बाबु के मुर्ती बैसत से अछि, हमरा जहन माला पहिराओल जायत अछि त मालाक एक-एकटा फुल मे दायित्व नजर आबैत अछि, गुणनाथ जी कलमक धनि छलाह, भारतवर्ष मे परिषदक डंका बजि गेल अछि, दरभंगा सँ एन. एच. 105 के कार्य परिषद के देन अछि, साहित्यिक काज आकासतर आ पताल तर नञि, सोफा पर बैस ए.सी. हाँल मे करै के समय आबि गेल अछि ।
कोलकाताक पोस्ता थाना के ओसी श्रीमान नुरुल – कवि विद्यापति के रचना हमरा सब के घर मे पढल जाइत अछि । संस्था तरफ सँ जहने हमरा एहि तरहक कार्यक्रम के लेल चिट्ठी भेटल, हम सोचलौं जे विद्यापति के बारे मे बुझबाक ई नीक संयोग भेटल अछि ।
दोसर सत्रक सांस्कृतिक कार्यक्रम
परिषद के तरफ सँ गोपीकांत झा मुन्ना परिषदक गीत प्रस्तुत केलनि आ संगे प्रवीण जीक लिखल मैथिली राष्ट्रीय गीत हम सब छी मिथिला के गीत गाबि उपस्थित श्रोता के मंत्र मुग्ध क देलनि ।
आमंत्रित गायक मे मधुबनी सँ आयल सावन रंजन, दरभंगा सँ शास्त्रीय संगीत के महारथी विक्रम बिहारी आ कटिहार सँ आयल प्रिति मिश्रा के एक-पर-एक मैथिली संस्कृति सँ सजल गीत श्रोता के अह्लादित कयलक । एहि कार्यक्रम मे विक्रम बिहारी जी के शास्त्रीय संगीत सँ सजल शिव तांडव श्रोता के मंत्रमुग्ध क देलक, ताहि मे मल्लिक घराणा के तबला वादक कौशीक मल्लिक के संगत एहि गीत के आरो चारिटा चान लगा देलक। मैथिली कौव्वाली नैना कने मिला ले पर दर्शक झुमैत नजर एलाह। विदित हो जे विक्रम बिहारी दरभंगा मे विश्वविद्यालय मे संगीत के शिक्षा ग्रहन क रहला अछि। राजेश मिश्रक संचालन सेहो सराहोल गेल। दर्शक तरफ स अशोक झा भोली जी के गीत गायबाक सुगबुगाहट देखल गेल, किएक त एहि स पहिले भोली जी गिरीश पार्क मे जगदम्ब अहिं गीत गाबि मैथिलक ह्रदय में बैसि गेलाह अछि।
एहि कार्यक्रम मे मंच संचालन अंजय चौधरी केलनि, अंजय जी के कोलकाता मे मैथिली साहित्य के शब्दकोश कहल जा सकैत अछि, हिनका लग मैथिली साहित्यक भंडार अछि, ई लिखै सँ बेशी पढै मे माहिर छथि।
साज-बाज मे नाल पर चुन्नू जी, तबला पर मल्लिक घराना के कौशिक मल्लिक, कैसियो जीवेश मिश्रा 'पप्पू', पैड संजय गुप्ता आ बिपिन छलाह।
कार्यक्रम के सफल बनबै मे परिषदक सब कार्यकर्ता उपस्थित छलाह, जाहि मे नवोनाथ झा, नारायण ठाकुर, नंदकुमार झा, अखिलेश झा, वेदानंद झा उपस्थित छलाह । परिषदक महिला मोर्चा के सदस्य लोकनि सेहो उपस्थित छलिह, जाहि मे अध्यक्ष शैल झा थोपड़ी बजा के गायक सब के प्रोत्साहन दैत नजर अयलीह। पूरा परिसर दर्शक के भीड़ स खचा-खच भड़ल छल।
मंच के सज्जा सेहो आकर्षक छल, मिथिला पेंटिंग आ विभिन्न साहित्यकार सब के फोटो लगाओल गेल छल।
परिषद तरफ सँ सुचना देल गेल जे कोलकाता पुस्तक मेला मे 5 फरवरी के एकटा साहित्यीक बैसार होयत ।
एहि दु दिवसीय मिथिला महोत्सव के मिडिया पार्टनर नवमिथिला छल, नव मिथिला परिवार परिषद के शुभकामना दैत इ कहैत अछि जे परिषद बा मैथिली के नीक कार्य मे सदिखन संग रहब।
