पुण्यतिथि पर बोकारो में याद कएल गेलाह स्वर सम्राट मो. रफी - नव मिथिला - maithili news Portal

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मंगलवार, 2 अगस्त 2016

पुण्यतिथि पर बोकारो में याद कएल गेलाह स्वर सम्राट मो. रफी


- अरुण पाठक
बोकारो, (झारखंड)। फिल्म संगीत के प्रख्यात पाश्र्वगायक मो. रफी के पुण्यतिथि पर रविदिन (31 जुलाई 2016) के साँझ मे बोकारो के कलाकार व संगीत प्रेमीसभ ‘एक शाम मो. रफी के नाम’ कार्यक्रम आयोजित कय स्वर सम्राट के सुरमयी श्रद्धांजलि देलनि। दूटा अलग-अलग स्थान पर कार्यक्रमक आयोजन कएल गेल। सेक्टर 2ए मे आयोजित कार्यक्रमक शुरुआत वरिष्ठ संगीतज्ञ बब्बनजी विश्वकर्मा, अरुण कुमार पाठक, रमण कुमार, सुनीता श्रीवास्तव, डाॅ राकेश रंजन, अशोक कुमार सिंह, अमरजी सिन्हा, ऋषिकेश झा, गीता प्रसाद, निहारिका, सुरेश प्रसाद, बिपिन बिहारी श्रीवास्तव, दीपक द्वारा मो. रफी के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पार्चन सँ भेल। एहि अवसर पर कलाकारसभ फिल्म संगीत मे मो. रफी के योगदानक चर्चा करैत हुनका एकटा महान पाश्र्वगायक आ’ नेकदिल इंसान के रुप मे याद केलनि। तकरबाद मो. रफी के गाओल किछु यादगार गीतसभक प्रस्तुति कएल गेल। गायक रमण कुमार ‘दिल का सूना साज तराना ढूंढे़गा...’, ‘जमाने ने मारे...’ ‘छू लेने दो नाजुक होठों को...’, अरुण पाठक ‘मैं निगाहें तेरे चेहरे से हटाऊं कैसे...’, ‘तुम्हारी जुल्फ के साये में शाम कर लूंगा...’, ‘मैं कहीं कवि न बन जाऊं...’, ‘आखिरी गीत मुहब्बत का सुना लूं तो चलूं...’ एकल गीत आ’ गायिका सुनीता श्रीवास्तव के संग युगलगीत ‘दीवाना हुआ बादल सावन की घटा छाई...’, ‘याद में तेरी जाग जाग के हम...’ व ‘अजहु न आए बालमा सावन बीता जाए...’, हृषिकेश झा ‘सुख के सब साथी...,‘ अमरजी सिन्हा ‘एक हसीं शाम को...’ व ‘जिंदगी के सफर में अकेले थे हम...’, अशोक कुमार सिंह ‘बदन पे सितारे लपेटे हुए...’ व ‘पुकारता चला हूं मैं...’ के सुमधुर प्रस्तुति सँ रफी साहब के श्रद्धांजलि देलनि। रमण कुमार एवं सुनीता श्रीवास्तव के युगलगीत ‘लागी छूटे न अब तो सनम...’ व अन्य गीत सेहो प्रशंसनीय रहल। 

एहि कार्यक्रमक बाद बोकारो के सेक्टर 2डी मिथिला चैक स्थित काली मंदिर परिसर स्थित मां अंबे गार्डेन सभागार मे राज म्यूजिकल ग्रुप एवं बाबला म्यूजिकल ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में संगीत संध्या आयोजित कय मो. रफी के सुरमयी श्रद्धांजलि देल गेल। कार्यक्रमक शुरुआत संगीतज्ञ जगदीश बाबला, बब्बनजी विश्वकर्मा, अरुण पाठक, राकेश कुमार सिंह, महेश कुमार, विधान, सूरज, राजेश चैधरी आदि मो. रफी के चित्र पर माल्र्यापण व पुष्पार्चन कऽ केलनि। तत्पश्चात गायक दीपक ‘आदमी मुसाफिर है...’, ‘आज मौसम बड़ा बेईमान है...’, गायक सूरज ‘दर्दे दल दर्दे जिगर...’, ‘पर्दा है पर्दा...’, अरुण पाठक ‘मैं निगाहें तेरे चेहरे से हटाउं कैसे...’ व ‘ये रेशमी जुल्फें...’, सुरेश ‘मुझे इश्क है तुझी से...’ व ‘ऐ फूलों की रानी...’ आदि गीतसभक सुरीली प्रस्तुति सँ कार्यक्रम मे समां बांधि देलनि। कार्यक्रम मे सिंथेसाइजर पर जगदीश बाबला व महेश कुमार, नाल पर राकेश कुमार सिंह, गिटार पर बाबू, आॅक्टोपैड पर विधान आ’ संतोष नीक संगति कयलनि। 

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